Sunday, December 31, 2017

वफ़ा की तलाश करते रहे हम,

वफ़ा की तलाश करते रहे हम,
बेबफाई में अकेले मरते रहे हम,
नहीं मिला दिल से चाहने वाला,
खुद से ही बेबजह डरते रहे हम,
लुटाने को हम सब कुछ लुटा देते
मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम,
खुद दुखी हो कर खुश उनको रखा,
तन्हाईयों में सांसे भरते रहे हम,
वो बेवफाई हम से करते ही रहे,
हम दिल से उन पर मरते ही रहे।

Thursday, December 28, 2017

मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,

मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता,
इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है।

Wednesday, December 27, 2017

कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,

कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह।

Monday, December 25, 2017

हर रात उसको इस तरह से भुलाता हूँ,

हर रात उसको इस तरह से भुलाता हूँ,
दर्द को सीने में दबा के सो जाता हूँ।
सर्द हवाएँ जब भी चलती हैं रात में,
हाथ सेंकने को अपना ही घर जलाता हूँ।
कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।

Saturday, December 23, 2017

हसीं चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,

हसीं चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,​
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर बहुत खुश हैं​,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

Thursday, December 14, 2017

इश्क़ के खुमार में उसे अपनी जिंदगी बना लिया,

इश्क़ के खुमार में उसे अपनी जिंदगी बना लिया,
जब भी उसकी याद आई दिल थामकर रो लिया,
वफ़ा का नाम देकर उसने बेबफाई की तो क्या हुआ,
जिंदगी थी वो मेरी उसके दिए सारे ग़म बर्दाश्त कर लिया।

Wednesday, December 13, 2017

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हो गए,

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हो गए,
महसूस हुआ तब जब वो जुदा हो गए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो हमें,
पर बहुत कुछ दे गए जब बेवफ़ा हो गए।

मेरी तलाश का है जुर्म

मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर,
जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।

Thursday, November 30, 2017

पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,

पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
अब मेरी मौत का वो फायदा उठाती है,
मेरी कब्र पे फूल चढाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है।

प्यास लगी थी गजब की मगर पानी मे जहर था,

प्यास लगी थी गजब की मगर पानी मे जहर था,
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते,
बस यही दो मसले जिंदगीभर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए,
वक़्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता,
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब,
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर,
हुनर सड़कों पर तमाशा करता है और,
किस्मत महलों में राज करती है,
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।।

Sunday, November 26, 2017

हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं,

हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं,
मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला,
मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से,
मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला।।

Thursday, November 23, 2017

जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते,

जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते,
यूं अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते,
खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी,
इसलिए अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते।।

वो दोस्त पुराने नही आते....

उठ जाता हूं भोर से पहले सपने सुहाने नही आते,
अब मुझे स्कूल न जाने वाले बहाने बनाने नही आते,
कभी पा लेते थे घर से निकलते ही मंजिल को,
अब मीलों सफर करके भी ठिकाने नही आते,
मुंह चिढाती है खाली जेब महीने के आखिर में,
अब बचपन की तरह गुल्लक में पैसे बचाने नही आते,
यूं तो रखते हैं बहुत से लोग पलको पर मुझे,
मगर बेमतलब बचपन की तरह गोदी उठाने नही आते,
माना कि जिम्मेदारियों की बेड़ियों में जकड़ा हूँ,
क्यूं बचपन की तरह छुड़वाने वो दोस्त पुराने नही आते,
बहला रहा हूं बस दिल को बच्चों की तरह..,
मैं जानता हूं फिर वापस बीते हुए जमाने नही आते।।

Tuesday, November 21, 2017

लबों पे न कोई सवाल रखती थी,

लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।

Tuesday, October 31, 2017

अश्कों से नहीं बुझते शोले दर्द-ए-प्यार के,

अश्कों से नहीं बुझते शोले दर्द-ए-प्यार के,
मौत भली इस लम्बे इंतजार से।
मरते हैं रोज बिना दीदार-ए-यार के,
तन्हाई अच्छी थी उस बेवफा के प्यार से ।।

मैंने कोशिश के बाद उसे भुला दिया,

मैंने कोशिश के बाद उसे भुला दिया,
​उसकी यादों को सीने से मिटा दिया,
​एक दिन फिर उसका पैगाम आया,
​लिखा था मुझे भूल जाओ और​,
मुझे हर लम्हा फिर याद दिला दिया​।

Monday, October 30, 2017

Aye Sanam Aise Bhi Koi Alag Hota Hai.

Aye Sanam Aise Bhi Koi Alag Hota Hai..?
Kuch Tum Mere Paas Rah Gaye Aur,
Kuch Mujhe Apne Sath Le Gaye..!

Sunday, October 29, 2017

Sukhe Patto Ki Tarah Bikhra Hua Tha Mai,

Sukhe Patto Ki Tarah Bikhra Hua Tha Mai,
Kisi Ne Pyar Se Sameta Or Aag Laga Di.

Pyar Ke Sagar Me Duboo Gam Ka Dariya Chhod Do,

Pyar Ke Sagar Me Duboo Gam Ka Dariya Chhod Do,
Mai Bhi Dunia Chhod Du Tum Bhi Zamana Chhod Do,
Faisla Kar Lo Tum Do Raaste Hai Samne,
Ya Mere Hokar Raho Ya Saath Mera Chhod Do.

Monday, October 16, 2017

उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो,

उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो,
छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब तक करोगे,
घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती है,
शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है।

Sunday, October 8, 2017

मुहब्बत में क्यों बेवफाई होती है,

मुहब्बत में क्यों बेवफाई होती है,
सुना था प्यार में गहराई होती है,
टूट कर चाहने वाले के नसीब में,
क्यों सिर्फ फिर तन्हाई होती है।

Wednesday, September 27, 2017

उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,

उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब मेरे पास,
जब हमारे दिल ने धड़कना छोड़ दिया।

Sunday, September 24, 2017

देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,

देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी।

दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ,

दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ,
आवारा दिल को समझाकर खामोश रखती हूँ,
चेहरे पर झूठी हंसी का नकाब ओढे रहती हूँ,
मैं जो नहीं वो दिखाने की कोशिश करती हूँ,
आँखें भी आँसुओ से भरी अब दुखती है,
रात के अँधेरे में अक्सर इसलिए रो लेती हूँ,
जहाँ सपनो की दुनिया को चांद तारो से सजाया था,
टूट गया सपना तो अाज वही बिखरी खङी हूँ,
ढूढती हूँ वो पल जिस पल में मुझसे खुशी जुङी थी,
जिन्दगी के सब रंगो को फिर से खोजती हूँ,
दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ.
क्या करू खुश रहू अक्सर अकेले बैठ यही सोचती हूँ,
गम जो सताए तो रोऊं नहीं ऐसी वजह ढूढती हूँ,
बिन वजह अक्सर खुद की परछाई से बाते कर लेती हूँ,
सुबह की रोशनी से कभी कभी जीने के हुनर सीखती हूँ,
नाराज न हो जाये जिन्दगी इस बात से डरती हूँ,
खामोश ओंठ है पर मन में कितनी बातें करती हूँ,
दर्द का गहरा समुन्दर लिए फिरती हूँ।

Friday, September 22, 2017

मेरी मोहब्बत से आज इतनी अनजान क्यों है,

मेरी मोहब्बत से आज इतनी अनजान क्यों है,
देकर जख्म मुझको इतनी नादान क्यों है,
पल पल जिंदा हूं तेरी यादों के सहारे,
मुझे जिंदा देखकर इतनी परेशान क्यों है ।।

आज गुमनाम हूँ तो,

आज गुमनाम हूँ तो,
ज़रा फासला रख मुझसे,
कल फिर मशहूर हो जाऊँ तो,
कोई रिश्ता निकाल लेना.

Wednesday, August 30, 2017

ज़िंदगी जब भी आपको रुलाने लगे,

ज़िंदगी जब भी आपको रुलाने लगे,
आप इतना मुस्कुराओ कि दर्द भी शर्माने लगे,
निकले ना आँसू आँखों से आप के कभी,
किस्मत भी मज़बूर होकर आपको हँसाने लगे।

Monday, August 28, 2017

अरमान कोई सीने में आग लगा देता है,

अरमान कोई सीने में आग लगा देता है,
ख्वाब कोई आकर रातों की नींद उड़ा देता है,
पूंछता हूँ जिससे भी मंज़िल का पता अब तो,
वो रास्ता तेरे घर का ही बता देता है ।।

वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं,

वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं,
वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं,
कभी कह दिया अपना तो कभी कर दिया पराया,
दिन रात की तरह ज़िंदगी के एहसास बदल जाते हैं।

बेगानों से गुजर जाते है कोई बात नहीं होती,

बेगानों से गुजर जाते है कोई बात नहीं होती,
हम उनसे रोज मिलते हैं मगर मुलाक़ात नहीं होती,
सूखे बंजर खेत जैसी जिंदगी बेहाल है,
घटाएं घिर तो आती है मगर बरसात नहीं होती ।।

Monday, August 21, 2017

तेरा नाम लूँ ज़बाँ से, तेरे आगे सर झुका दूँ ,

तेरा नाम लूँ ज़बाँ से, तेरे आगे सर झुका दूँ ,
मेरा इश्क़ कह रहा है, मैं तुझे ख़ुदा बना दूँ ,
मेरे दिल में बस रहे हैं, तेरे बेपनाह जलवे ,
ना हो जिसमें नूर तेरा, वो चराग ही बुझा दूँ ।।

Thursday, July 27, 2017

दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले,

दिल की ये आरजू थी कोई दिलरुबा मिले,
लो बन गया नसीब कि तुम हम से आ मिले,
देखे हमें नसीब से अब अपने क्या मिले,
अब तक तो जो भी मिले बेवफा मिले,
आखों को एक इशारे की ज़हमत तो दीजिये,
कदमों में दिल बिछा दूँ इजाज़त तो दीजिये,
गम को गले लगा लूँ जो गम आप का मिले,
हम ने उदासियों में गुजारी हैं जिंदगी,
लगता हैं डर फरेब-ए-वफ़ा से कभी कभी,
ऐसा न हो के जख्म कोई फिर नया मिले,
कल तुम जुदा हुये थे जहाँ साथ छोड़ कर,
हम आज तक खड़े हैं उसी दिल के मोड़ पर,
हम को इस इंतजार का कुछ तो सिला मिले।

Tuesday, July 25, 2017

कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,

कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है,
पर मैं बेईमान नहीं।
मैं सबको अपना मानता हूँ,
सोचता फायदा या नुकसान नहीं।
एक शौक है शान से जीने का,
कोई और मुझमें गुमान नहीं।
छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ,
वैसा तो मैं इंसान नहीं।

Monday, July 24, 2017

यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया,

यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया,
जैसे किसी ने भूला हुआ फसाना सुना दिया।
जाने क्या बात थी उस गुजरे पल में.....,
कि दिल रोया लेकिन चेहरा मुस्कुरा दिया।।

Tuesday, July 11, 2017

परखो तो कोई अपना नही,

परखो तो कोई अपना नही,
समझो तो कोई पराया नहीं,
चेहरे की हंसी से गम को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो,
ख़ुद ना रूठो पर सबको हंसा दो,
यही राज है जिन्दगी का...
जियो और जीना सिखा दो।।

Monday, July 10, 2017

जिंदगी में कई उजले सवेरे गए,

जिंदगी में कई उजले सवेरे गए,
फूलों से चुनकर रंग बिखेरे गए,
दस्तूर-ए-जिंदगी से न बच सके मगर,
वक्त की साजिश में हम भी घेरे गए.

Wednesday, June 28, 2017

इश्क़ करना इबादत से कुछ कम नहीँ है,

इश्क़ करना इबादत से कुछ कम नहीँ है,
छोड़ मझधार में जाओ तो भी गम नहीं है,
दिल में बेइंतिहा गहरे जख्म दिए हें तुमने,
उन्हें भरने के लिए वक़्त का मरहम नहीं है।

Tuesday, June 27, 2017

खुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,

खुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,
गम फुरसत में थे ठहर गए,
लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है,
पहले मुड़ कर देखते थे,
अब देख कर मुड जाते हैं।।

Monday, June 26, 2017

यादों को भुलाने में कुछ देर लगती है,

यादों को भुलाने में कुछ देर लगती है,
आँखो को सुलाने में कुछ देर लगती है,
किसी को भुला देना इतना आसान नही होता,
दिल को समझाने में कुछ देर लगती है,
भरी महफिल मे जब कोई अचानक याद आये,
तो आँसू छुपाने में कुछ देर लगती है,
जो जान से प्यारा हो नजरों से दूर हो जाये,
तो दिल को यकीन दिलाने में देर लगती है।

Friday, June 9, 2017

यादों को भुलाने में कुछ देर लगती है,

यादों को भुलाने में कुछ देर लगती है,
आँखो को सुलाने में कुछ देर लगती है,
किसी को भुला देना इतना आसान नही होता,
दिल को समझाने में कुछ देर लगती है,
भरी महफिल मे जब कोई अचानक याद आये,
तो आँसू छुपाने में कुछ देर लगती है,
जो जान से प्यारा हो नजरों से दूर हो जाये,
तो दिल को यकीन दिलाने में देर लगती है।

Saturday, May 27, 2017

कोई खुशियों की चाह में रोया,

कोई खुशियों की चाह में रोया,
कोई दुखों की पनाह में रोया,
अजीब सिलसिला है ये ज़िंदगी का,
कोई भरोसे के लिए रोया,
कोई भरोसा करके रोया।

Thursday, May 25, 2017

मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो,

मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो,
और बेखबर हो मुझ को ये जताती हो।
होने लगती हो जिस पल दूर मुझसे,
कसम से उस पल बहुत याद आती हो।
चाहती हो कितना, पूछू जब कभी तो,
आँखों ही आँखों में सब कुछ बताती हो।
मोहब्बत में मेरी खुद को भुलाए बैठी हो,
और दिल में अपने जज़्बात छुपाती हो॥

Saturday, May 20, 2017

रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

रोज़ तारों की नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,
एक दीवाना मुसाफ़िर है मेरी आँखों में,
वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता है, चल पड़ता है,
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते है,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है,
उसकी याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो,
धडकनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।

Saturday, May 6, 2017

ज़िंदगी सभी को मिली हो ये जरूरी तो नहीं,

ज़िंदगी सभी को मिली हो ये जरूरी तो नहीं,
हर किसी की चाहत पूरी हो ये जरुरी तो नहीं,
आग गुलशन में बहारें भी लगा सकती है,
सिर्फ बिजली ही गिरी हो ये ज़रूरी तो नहीं,
नींद तो दर्द के बिस्तर पर भी आ सकती है,
तेरी आगोश में ही सर हो ये ज़रूरी तो नहीं।।

Friday, March 3, 2017

दर्द के समुन्दर में मोती चुनने चले,

दर्द के समुन्दर में मोती चुनने चले,
उनके ज़ख्मों को अक्सर तन्हाई में सुनाते चले।
कल भी वही था जो आज उनके महफ़िल है,
फिर भी क्यों रेत में हम अपनी किस्मत ढूढ़ते चले।।

Sunday, February 26, 2017

खुद को इतना भी मत बचाया कर,

खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर।
चाँद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर।
दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द आँखों से मत बहाया कर।
काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों में मुस्कुराया कर।
धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर।
कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर।

Saturday, February 25, 2017

खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं।

खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं।
जिसे भी देखो परेशान बहुत है।।
करीब से देखा तो निकला रेत का घर।
मगर दूर से इसकी शान बहुत है।।
कहते हैं सच का कोई मुकाबला नहीं।
मगर आज झूठ की पहचान बहुत है।।
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी।
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं।।

Tuesday, January 24, 2017

Duniya me rah kar hum kuch na kar sake,

Duniya me rah kar hum kuch na kar sake,
Tumhe tha pana par tumko bhi na pa sake,
Ki har mushkil se muh chupate rah gaye,
Har gum chup chap seh gaye,
Tere bare me sochta hu sara din,
Janta hu mai ki kaisa rahta hu tere bin,
Man me wo khwab panapte hi rah gaye,
Aakhir kar hum bhi shayar ban ke hi rah gaye.

Sunday, January 8, 2017

मेरी चाहत की तू आजमाइश ना कर ।

मेरी चाहत की तू आजमाइश ना कर।
ये इश्क है इबादत तू नुमाइश ना कर।।
रहने दे ये भ्रम कि तू साथ है हमेशा।
भूल जाऊँ मैं तुझे, तू फरमाइश ना कर।।

छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की,

छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की,
यहाँ जरूरतों के हिसाब से बदलते नकाब हैं,
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर,
हर शख्स कहता है "जमाना बड़ा खराब हैं.!