Thursday, December 13, 2018

क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है,

क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक दिन का भी इंतजार दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते है अपने भी पराए,
जब एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।

Saturday, December 8, 2018

गीत बनूं तेरे होंठों का, गुनगुना ले तू मुझे,

गीत बनूं तेरे होंठों का, गुनगुना ले तू मुझे,
अश्क बनूं तेरी आंखों का, बहा ले तू मुझे,
मुस्कुराहट बनूं लब पे तेरे, खिलखिला ले तू मुझे,
ख्वाब बनूं तेरी आंखों में, सजा ले तू मुझे,
खुशबू बनूं तेरी रूह की, महका दे तू मुझे,
खो जांऊ मैं तुझमें, अपना ले तू मुझे।।

अपनी प्यारी आँखों मे छुपा लो मुझको,

अपनी प्यारी आँखों मे छुपा लो मुझको,
मोहब्बत तुमसे है चुरालो मुझको,
धूप हो या छांव तेरे साथ चलेंगे हम,
यक़ीन ना हो तो आज़मा लो मुझको,
तेरे हर दुख को सह लेंगे हंस के हम,
अपने वजूद की चादर बना लो मुझको,
ज़िंदगी भी तेरे नाम कर दी है हमने,
बस चंद लम्हे सीने से लगा लो मुझको।।

Sunday, October 21, 2018

तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,

तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।

आरजू तमाम पिघलने लगी हैं,

आरजू तमाम पिघलने लगी हैं,
लो और एक शाम फिर से ढलने लगी है,
हसरत-ए-मुलाकात का शौक है बस,
ये ज़िद भी तो हद से गुजरने लगी है।।

नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,

नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।

Thursday, October 4, 2018

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा,

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा,
न तारीफ तेरी, न मजाक मेरा होगा।
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा।।

Wednesday, September 5, 2018

एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,

एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की,
मैने पल पल कोशिश की उसके पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी ...
उम्मीद थी उसके करीब आने की.

Monday, September 3, 2018

जिंदगी भी कितनी अजीब है,

जिंदगी भी कितनी अजीब है,
मुस्कुराओ तो लोग जलते है..
तन्हा रहो तो सवाल करते है..।।

Friday, August 31, 2018

गम इस कदर मिला की घबरा के पी गये,

गम इस कदर मिला की घबरा के पी गये,
खुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गये।
यूँ तो ना थी जन्म से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये।।