Friday, March 30, 2018

मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,

मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो खफा हो जाती है.

गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूं ही मुसाफिरों की तरह,

गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूं ही मुसाफिरों की तरह,
यादें वहीं खडी रह जाती हैं रूके रास्तों की तरह,
एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें उम्र भर याद आती हैं,
पर वह उम्र फिर उम्र भर नहीं आती.।

Wednesday, March 7, 2018

क्या पूछते हो कैसी ये बिन बारिस बरसातें है?

क्या पूछते हो कैसी ये बिन बारिस बरसातें है?
मेरी आँखों से जो गिरते है तेरी ही सौगातें हैं।
सूखेगा अब कैसे मेरे आंखों का ये दरिया,
इस दरिया से होकर ही वो दिल में आते-जाते हैं।
ना लफ्ज नया ना हर्फ कोई ना कोई तराना नूतन,
भूली यादें याद आ जायें वही गीत पुराने गाते हैं।
अब फासला हैं ही कहाँ तेरे-मेरे दरमियां,
हैं इतने करीब मगर दूरियां दिखाते हैं।
अब आती नहीं हैं तेरी याद ऐसी बात नहीं है,
मैं था तेरा आईना कभी कहने भर की बातें हैं।

सब कुछ है नसीब में तेरा नाम नहीं है,

सब कुछ है नसीब में तेरा नाम नहीं है,
दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है,
मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में,
आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है,
मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही,
इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है,
कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली उठाकर,
इस शहर में इससे बड़ा बदनाम नहीं है.