Friday, May 27, 2016

Wafa par hamne ghar lutana tha lekin,

Wafa par hamne ghar lutana tha lekin,
Wafa lut gayi lutane se pehle,
Chirag tamanna ka jala to diya tha,
Magar bujh gaya jagmagane se pahle.

Thursday, May 26, 2016

Dil Me Basai Thi Tasvir Mita Dena,

Dil Me Basai Thi Tasvir Mita Dena,
Aankho Me Basaya Tha Nazro Me Gira Dena,
Tumko To Wafa Meri Kuch Raas Na Aai,
Jata Hu Tere Dar Se Mujhko Na Sada Dena,
Jab Tumse Koi Puche Baate Meri Wafao Ki,
Tum Meri Wafao Par Ilzam Laga Dena,
Fir Uski Tamanna Kya Jo Gair Ka Ho Jaye,
Bas Itni Guzarish Hai Tum Mujhko Bhula Dena.

Saturday, May 21, 2016

Hum To Nashe Me Choor Ho Chale,

Hum To Nashe Me Choor Ho Chale,
Apne Har Gum Se Anjaan Ho Chale,
Kya Khabar Thi Tu Mehfil Me Aayegi,
Hum To Yaha Se Bhi Badnaam Ho Chale.

Friday, May 20, 2016

मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं,

मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं,
मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है।
भूल कर भी वफ़ा के जंगल मैं ना आना,
यहाँ साँप नहीं इंसान डसा करते है।।

Wednesday, May 18, 2016

दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने,

दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने,
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने।

Tuesday, May 17, 2016

जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,

जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं ।

Monday, May 16, 2016

हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,

हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे,
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए,
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।

Saturday, May 14, 2016

तलब है तुम्हारी कि मिटती नही है,

तलब है तुम्हारी कि मिटती नही है,
ये जिदगीं तुम बिन कटती नही है,
लाख चाहा कि लिख दू मै दर्द अपना,
कलम है कि तेरा फरेब लिखती नही है।

Wednesday, May 11, 2016

हम रात भर समेटते रहे टुकड़े दिल के।

हम रात भर समेटते रहे टुकड़े दिल के।
कल कोई तोड़ गया था यू गैरों से मिल के।
पूछ ही ना पाये उनसे सबब बेरुखी का।
रह गये खामोश अपने लवों को सिल के।।

Sunday, May 8, 2016

तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है।

तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है।
महकते होंठों की शिकायत हम जानते है।
मेरी हिचकी भी दे रही है गवाही मुहब्बत की।
तेरे पलकों की हरकत भी हम जानते है।।