Thursday, May 25, 2017

मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो,

मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो,
और बेखबर हो मुझ को ये जताती हो।
होने लगती हो जिस पल दूर मुझसे,
कसम से उस पल बहुत याद आती हो।
चाहती हो कितना, पूछू जब कभी तो,
आँखों ही आँखों में सब कुछ बताती हो।
मोहब्बत में मेरी खुद को भुलाए बैठी हो,
और दिल में अपने जज़्बात छुपाती हो॥

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