Friday, September 22, 2017

मेरी मोहब्बत से आज इतनी अनजान क्यों है,

मेरी मोहब्बत से आज इतनी अनजान क्यों है,
देकर जख्म मुझको इतनी नादान क्यों है,
पल पल जिंदा हूं तेरी यादों के सहारे,
मुझे जिंदा देखकर इतनी परेशान क्यों है ।।

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