पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
अब मेरी मौत का वो फायदा उठाती है,
मेरी कब्र पे फूल चढाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है।
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Thursday, November 30, 2017
प्यास लगी थी गजब की मगर पानी मे जहर था,
प्यास लगी थी गजब की मगर पानी मे जहर था,
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते,
बस यही दो मसले जिंदगीभर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए,
वक़्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता,
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब,
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर,
हुनर सड़कों पर तमाशा करता है और,
किस्मत महलों में राज करती है,
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।।
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते,
बस यही दो मसले जिंदगीभर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए,
वक़्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता,
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब,
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर,
हुनर सड़कों पर तमाशा करता है और,
किस्मत महलों में राज करती है,
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूँ कि जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।।
Sunday, November 26, 2017
हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं,
हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं,
मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला,
मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से,
मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला।।
मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला,
मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से,
मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला।।
Thursday, November 23, 2017
जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते,
जो दिल से करीब हो उसे रुसवा नहीं कहते,
यूं अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते,
खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी,
इसलिए अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते।।
यूं अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते,
खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी,
इसलिए अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते।।
वो दोस्त पुराने नही आते....
उठ जाता हूं भोर से पहले सपने सुहाने नही आते,
अब मुझे स्कूल न जाने वाले बहाने बनाने नही आते,
कभी पा लेते थे घर से निकलते ही मंजिल को,
अब मीलों सफर करके भी ठिकाने नही आते,
मुंह चिढाती है खाली जेब महीने के आखिर में,
अब बचपन की तरह गुल्लक में पैसे बचाने नही आते,
यूं तो रखते हैं बहुत से लोग पलको पर मुझे,
मगर बेमतलब बचपन की तरह गोदी उठाने नही आते,
माना कि जिम्मेदारियों की बेड़ियों में जकड़ा हूँ,
क्यूं बचपन की तरह छुड़वाने वो दोस्त पुराने नही आते,
बहला रहा हूं बस दिल को बच्चों की तरह..,
मैं जानता हूं फिर वापस बीते हुए जमाने नही आते।।
अब मुझे स्कूल न जाने वाले बहाने बनाने नही आते,
कभी पा लेते थे घर से निकलते ही मंजिल को,
अब मीलों सफर करके भी ठिकाने नही आते,
मुंह चिढाती है खाली जेब महीने के आखिर में,
अब बचपन की तरह गुल्लक में पैसे बचाने नही आते,
यूं तो रखते हैं बहुत से लोग पलको पर मुझे,
मगर बेमतलब बचपन की तरह गोदी उठाने नही आते,
माना कि जिम्मेदारियों की बेड़ियों में जकड़ा हूँ,
क्यूं बचपन की तरह छुड़वाने वो दोस्त पुराने नही आते,
बहला रहा हूं बस दिल को बच्चों की तरह..,
मैं जानता हूं फिर वापस बीते हुए जमाने नही आते।।
Tuesday, November 21, 2017
लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।
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