मै मोहब्बत तेरी न जाऊँ छोड़ के,
यह नाते ये रिश्ते निभाऊ जोड़ के,
एक तराना तेरे लब पर सजता रहे,
दर्द उल्फत का सीने में ऊठता रहे,
इक माला के मोती मैं न जाऊँ तोड़ के,
बिखरा के तुझको मैं न जाऊँ छोड़ के,
बंदगी में तू याद मुझको करता रहे,
कभी रोता रहे कभी हँसता रहे,
जिँदगानी हूँ तेरी मै न जाऊँ छोड़ के,
यह नाते यह रिश्ते निभाऊॅ जोड़ के।।
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