तू तो वादा करके भी मुकर जाती है,
तेरी याद बड़ी भोली है चली आती है,
दिन तो जैसे तैसे गुजर ही जाता है,
रात बेरहम, आती है सितम ढाती है,
एक आईने सा आसमान में टंगा चाँद,
तस्वीर इसमें भी तेरी ही नजर आती है,
इठलाती शम्मा सा मुकद्दर तेरे हिस्से,
परवाने सी किस्मत रोज मुझे जलाती है।।
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