Wednesday, August 17, 2016

आज भीगी हैं पलके एक फरियाद मे,

आज भीगी हैं पलके एक फरियाद मे,
अश्क भी सिमट गया हे अपने आप मे,
ओंस की बूंदे ऐसे बिखरी है पत्तो पर,
मानो चाँद भी रोया हो किसी की याद मे !

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